इश्क में अंधी मां का गुनाह : Yash Vansh Hatyakand mastram


11 साल के वंश (वंश) और 7 साल के यश (यश) की लाशें बादलों के खेत में पड़ी थीं। उन की हत्या गला घोंट कर की गई थी। दोनों ही बच्चे स्कूल की ड्रेस में थे। दोनों भाइयों की लाशें देखकर पुलिस का कलेजा भी कांप उठा था। पुलिस ने मौके पर ही फोरेंसिक टीम को भी बुलाया था। घटना की सारी तैयारियां पूरी करने के बाद पुलिस ने दोनों बच्चों की लाशों के लिए मुर्चरी भेज दी।

सोनीपत (सोनीपत), हरियाणा के खूबसूरत पर्यटन स्थल सिटी पार्क के अंदर घूम कर रूबी ने इधर उधर नजरें दौड़ाईं। घास के अंदर और नीचे अनेक प्रेमी जोड़े सिर से सिर जोड़े बैठे प्रेमालाप में मगन दिखाई दिए। उनमें वह नहीं थी, जिसके लिए रूबी अपना काम छोड़ कर यहां आई थी।

रूबी का मन उदास हो गया। निराशा उसे घेरती इस से पहले ही किसी ने उस के पीछे से उस की आँखों पर हथेलियाँ रख खड़ी, एक चहकता स्वर रूबी के पंखुड़ियों से टकराया, ”पहचानो कौन?”

”नितिन,” रूबी खुशी से चहक पड़ी। उस ने हाथ बढ़ाकर, आंख बंद करने वाले के हाथ पकड़ लिए और उस की तरफ पलट गई।

उस के सामने नितिन खड़ा मुस्करा रहा था। वह फूलों के डिजाइन वाली शानदार शर्ट और आसमानी रंग की पतलून पहने हुए थे, और पैरों में काले रंग के स्पॉट शूज थे। आधुनिक वस्त्र में उस की व्यक्तित्व बहुत प्रभावित कर रही थी।

नितिन को ऊपर से नीचे तक हैरानी से देखते हुए रूबी बोली, ”आज तो बहुत जंच रहे हो।”



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