17 महीने से छिपी लाश का रहस्य: नाले के पास बिना सिर वाला एक धड़ पड़ा हुआ है, जिस पर ब्लू कलर की टी-शर्ट पर लाल सफेद लाइनिंग साफ नजर आ रही थी। मरने वाले के हाथ में लोहे का कडा और पीले लाल रंग का धागा हुआ था। उस के शरीर के निचले हिस्से में लाल रंग की पतलून और बनियान थी। सिर के बाल तथा दाढ़ी में मेहंदी रंग लगा हुआ था। जिस जगह यह सिर कटा हुआ पड़ा था, उस के कुछ ही दूरी पर एक प्लास्टिक की बोरी भी पड़ी हुई थी।
17 महीने से छिपी लाश का रहस्य
पुलिस टीम ने जब उस बोरी को खोला तो उसमें मृतक का सिर मिला। पहली नजर में हत्या का मामला दिख रहा था। उन्होंने सीन औफ क्राइम मोबाइल यूनिट के खाते में एक नोट डाला। आर.पी. शुक्ला को सौभाग्य पर बुलाया गया।
फोरैंसिक एक्सपोर्ट्स डा. आर.पी. शुक्ला ने मौका मुआयना कर शव को देखकर बताया कि मरने वाले की उम्र 35 साल से अधिक लग रही है। लाश को देखने से लग रहा है कि लाश कई महीने पुरानी है और उसकी गर्दन काटकर हत्या की गई होगी।
एफएसएल टीम ने वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्र कर संजय गांधी मेडिकल कॉलेज की फोरेंसिक शाखा को अवसरवादी बना दिया। यह बात 26 दिसंबर, 2022 की है।
सोशल मीडिया पर यह खबर जंगल की आग की तरह फैलते ही कुछ ही घंटों में पुलिस को पता चला कि बिना सिर वाली लाश के गांव उमरी में रहने वाले 42 साल के रामसुशील पाल की है।
एसपी नवनीत भसीन
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