रांची। झारखंड के साहिबगंज जिले के सरकारी स्कूलों के बच्चों की ठंड में ठिठुरते गुड़ी उन्हें चिलचिलाती गर्मी में उबाल का किट दिया जा रहा है। जिन बच्चों को ये किट दी जा रही है, वे और उनके निजी सवाल उठा रहे हैं कि इस गर्मी में कौन लागाएगा।
जिले के 1.76 लाख बच्चों को कोटा, मोजा और जूता दिया गया था। इनमें से एक लाख बच्चों की किट में राशि चक्र का आकार बदला गया था। कक्षा एक और दो के 57403 बच्चों में से 41282 बच्चों का बैंक खाता नहीं था। इसपर तय हुआ कि इन बच्चों को स्कूल प्रबंधन समिति या स्वयं सहायता दुर्व्यवहार के माध्यम से किट की आपूर्ति की जाएगी। अधिकारियों ने योजना की मॉनिटरिंग में खामी कर दी ताकि बच्चों को समुद्र तट में किट नहीं मिल सके।
स्वयं सहायता एलायसायटीक को 17050 और स्कूल प्रबंधन इंजीनियरों को 24232 सेट किट की आपूर्ति करनी थी। उन्होंने मार्च-अप्रैल में इसकी आपूर्ति की है। अब कई स्कूलों में कित बाँटी जा रही है लेकिन बच्चे और अभिभावक चिलचिलाती गर्मी में बाँटे बाँटे जाने के औचित्य पर सवाल उठा रहे हैं।
नव प्राथमिक विद्यालय संथाली मोमिन मराठा के शिक्षक मंसूर अली के अनुसार स्कूल में एक और दो कक्षा में 192 बच्चे हैं। 134 बच्चों की पोशाक एक अप्रैल को मिली थी। अब तक इसका वितरण नहीं हुआ है। ये पहले मिलती है तो बच्चों के लिए अच्छा होता है। इसी तरह चासगांव के अभिभावक जिताई हेंब्रम और लखन टुडू ने बताया कि जो कोटा अब रखा जा रहा है वो जड़े में बंटता तो अच्छा रहता है। जिले के शिक्षा डॉ. दुग्गर्नंद झा का कहना है कि समय पर बच्चों को बढ़ावा और जूता-मोजा क्यों नहीं मिला, इसकी जांच मित्र।
ये भी पढ़ें – अपने राज्य/शहर की खबरों को पढ़ने से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करें
वेब शीर्षक-गजब: 42 डिग्री तापमान के बीच झारखंड के सरकारी स्कूलों में बच्चों के बीच बांटे जा रहे हैं स्वेटर-मोजे