Elvis Presley: Whose time was not a time, Bollywood also copied him a lot mastram


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नई दिल्ली। कुछ दिन पहले एक फिल्म आई थी, नाम था ‘अमर सिंह शाइनीला’। दिलजीत दोसांझ स्टारर ‘अमर सिंह शमानीला’ पंजाब के एक गायक अमर सिंह शशीला की जिंदगी पर आधारित थी। अमर सिंह चमकीला को ‘क्रांतिकारी’ गायक माना जाता था। दावा तो यहां तक ​​किया गया कि अमर सिंह शाइनीला खुद एल्विस प्रेस्ली से प्रेरित थे।




एल्विस प्रेस्ली अमेरिकन सिंगर, संगीतकार और अभिनेता थे। उनके नन्हें वाले बाज़ार में थे। आज भी एल्विस प्रेस्ली के बचे हुए लोग मौजूद हैं। अगर एल्विस प्रेस्ली के बॉलीवुड कनेक्शन की बात करें तो उनके शम्मी कपूर, देवानंद से लेकर मिथुन मित्र और यहां तक ​​कि बप्पी लहरी पर भी सकारात्मक प्रभाव था।

एल्विस प्रेस्ली का संगीत की दुनिया में मतलब ‘रॉक एंड रोल के बादशाह’ था। ऐसा ही एक कलाकार मंच पर आया ही भीड़ चीखने-चिल्लाने लगी थी। और, जब यह आर्टिस्टिक हैंड में माइक लेकर गाना शुरू हुआ तो देखने वाले सम्मोहित हुए बिना नहीं रह गए। ‘ब्रितानिका’ वेबसाइट के अनुसार एल्विस प्रेस्ली का जन्म 8 जनवरी 1935 को मिसिसिपी के टुपलो में हुआ था। वे 16 अगस्त 1977 को टेनेसी में अंतिम सांस ली।

एल्विस के जन्म पर ही मानो दुखों का पहाड़ टूट गया। एक जुड़वा भाई का जन्म लेने के साथ गुजर गया। एल्विस के जन्म के समय अमेरिका में रंगभेद तेजी से बढ़ रहा था। हर तरफ और समाज के हर तबके में नस्लभेद दिखाई देता था। उस समय ‘रॉक म्यूजिक’ काले लोगों से जुड़ा था। किस्मत की ऐसी कहानी है कि एल्विस के पिता को नशे के मामले में जेल जाना पड़ा और एल्विस अपनी मां के साथ मिसिसिपी के मेमफिस में आ गए। इस इलाके में कॉलेजों की काफी संख्या थी। माना जाता है कि इसी जगह एल्विस के दिल और दिमाग में ‘रॉक’ म्यूजिक ने घर बनाना शुरू कर दिया था।

अपने इतिहास की शुरुआत में एल्विस ने ‘गोर’ लोगों को कम्यूनिटी कम्यूनिटी के सामने ‘रॉक’ पेश किया। गानों के साथ एल्विस अफ़्रीकन डांसिंग स्टाइल का भी खूब इस्तेमाल करते थे। यही वजह रही कि एल्विस नस्लभेद के दोनों साथियों के साथ काफी हद तक सफल भी हुए। उनके एक्टर्स ने दर्शकों के बीच ‘नस्लभेद’ देखा या देखा नहीं था। एल्विस प्रेस्ली ने कई गाने गाये, कई स्टेज शो किये। ‘रॉलिंग स्टोन’ के एक सर्वे में एल्विस प्रेस्ली के 10 बेहतरीन मंदिरों को जगह मिली, जिसमें दीवाने न्यूयॉर्क में धूम मचाई गई थी।

उनके गाने ‘सैस्पिशन माइंड्स’ के बारे में माना जाता है कि यह एल्विस प्रेस्ली के बचपन की असफलता से प्रेरित था। इसी तरह ‘इफ आय कैन ड्रीम’, ‘इन द घेटो’, ‘जेलहाउस रॉक’, ‘कैंट हेल्प फालिंग इन लव’, ‘लव मी टेंडर’, ‘हर्टब्रेक होटल’, ‘एन अमेरिकन रेस्टोलॉजी’, ‘केंटकी रेन’, ‘मिस्ट्री ट्रेन’, ‘बर्निंग लव’ जैसे फ़ायर ने एल्विस को नई पहचान दी।

एल्विस ने अपने करियर के दौरान कई सामाजिक कार्यकर्ताओं में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। लोगों को प्रेरित करने का काम भी किया। लेकिन, उनकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ हमेशा से शबाब में रही। उनकी नशे से जुड़ी खबरें मीडिया की पसंदीदा थीं। 42 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहने वाले एल्विस की मौत भी किसी पहेली से कम नहीं थी। 16 अगस्त 1977 को एल्विस का शव मिला। बताया गया कि एल्विस का मृत्य कार्डियक रिस्टोर से हुआ था। बाद में पता चला कि अवैध औषधियों की ओवरडोज उनकी मौत का कारण बनी।

एल्विस प्रेस्ली एक ऐसे कलाकार थे, जिनका प्रॉडक्ट कद्र बॉलीवुड में भी बहुत अच्छा था। बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता शम्मी कपूर से लेकर देवानंद तक के हेयर स्टाइल पर एल्विस प्रेस्ली की झलक दिखी थी। फिल्मों में भी शम्मी कपूर की एक्टिंग में एल्विस की झलक देखने को मिली थी। यहां तक ​​कि मिथुन मित्र भी कहीं ना कहीं एल्विस प्रेस्ली के हावभाव अपनाते दिखे हैं। म्यूजिक कंपोजर बप्पी वेवी भी एल्विस प्रेस्ली से काफी प्रभावित थे। फिल्म ‘डिस्को डांसर’ में मिथुन मित्रा ने एल्विस प्रेस्ली के डांस डांसर को खूब कॉपी किया था। बप्पी वेवी भी एस्सेरिज यूज़ करते थे, उन पर भी एल्विस प्रेस्ली की झलक दिखाई दी थी।

–आईएएनएस

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