दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के जिला अस्पताल की मदरसा यूनिट में कर्मचारी डॉ. इंदौरा धुर्वे ने पूरे साल में 101 जुड़वां बच्चों की मूर्तियों का एक अनोखा रिकॉर्ड दर्ज किया है।
डॉ. धुर्वे अब तक 14 हजार 500 डिलीवरी करा चुके हैं। वह देश के पहले डॉक्टर हैं, जहां का नाम तीन बच्चों की मूर्ति का अनोखा रिकॉर्ड दर्ज है।
भिलाई के कैलाश नगर निवासी शेख फैयाज की पत्नी बुशरा परवीन ने जुड़वां बेटी को जन्म दिया है। खास बात यह है कि डॉ. धुर्वे ने इस दौरान सबसे बड़ा नामांकन प्रदर्शन किया।
जुड़वा बच्चों की 101वीं वॉल वाली डॉ. धुर्वे ने बताया कि 2011 से वह लगातार मैटरनिटी वार्ड में फ्रास्ट करा रही थीं, लेकिन काउंट पर कभी ध्यान नहीं दिया गया। 2022 से 2024 के बीच 100 वें ट्विन्स किड्स की फ़्लोरिंग स्टिक का रिकॉर्ड बना है। मुझे यह नहीं पता था कि मैं इस जगह पर पहुंच गया हूं। उन्होंने कहा, “अब 101वीं शताब्दी के स्तम्भों में दूसरे शतकों की ओर कदम बढ़ा दिया गया है। हज़ारों बच्चों के स्तम्भों का हमारा लक्ष्य है।”
उन्होंने बताया कि उनकी इस उपलब्धि में उनके स्टाफ को भी पूरा सहयोग मिला। इसी वजह से यह रिकॉर्ड बन पाया है। कभी-कभी जुड़वा बच्चों की दुकान का मामला सामने आता है तो स्टाफ के सभी डॉक्टर उनके पास ही रहते हैं। उन्होंने कहा, “कई सीरियस केस सामने आ चुके हैं लेकिन हमने उन्हें जिम्मेदारी से संभाला है। जब मां-बच्चा सुरक्षित रहते हैं तो एक अलग तरह की खुशी होती है।”
डॉ. विनीता धुर्वे ने साल 2003 में रायपुर मेडिकल कॉलेज से स्नातक करने के बाद दुर्ग में ही इंटर्नशिप की। इसके बाद दुर्ग जिले के रसमदा, अहिवारा सहित अलग-अलग स्थानों पर व्यापारिक प्रतिष्ठान शामिल थे। वह 2011 से दुर्ग जिला अस्पताल के मैटरनिटी वर्ड में अपनी सेवा दे रही हैं। अब तक 14 हजार 500 की डिलीवरी हुई है।
–आईएएनएस
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वेब शीर्षक-डॉ. विनीता धुर्वे ने 101 जुड़वां बच्चों को जन्म देने का अनोखा रिकॉर्ड बनाया