जयपुर। राज्य में समृद्ध जानवरों के लिए नित नए नवाचार कर पशुपालकों की आय में वृद्धि के स्रोत विकसित करने के निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा उच्च नस्ल पशुधन श्रृंखला के माध्यम से पशुपालकों के लिए आय एवं रोजगार के संसाधन विकसित करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत सिरोही नस्ल के बकरे मुक्त पशुपालकों के लिए तैयार किये जा रहे हैं।
पालतू पशु विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. पशुचिकित्सक सेन ने बताया कि राज्य में राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत सिरोही नस्ल बकरी विकास परियोजना के अंतर्गत बकरी पालकों को अब तक 124 सिरोही नस्ल के बकरे मुफ्त में दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि मानपुरा-माचेड़ी, चाकसू में कैंप लगाकर पशुपालकों को उच्च नस्ल बकरा वितरण के लिए निःशुल्क बकरा वितरण किया गया है।
इस मौके पर मौजूद लाभार्थी पशुपालकों ने राज्य सरकार द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में रखे जा रहे प्रयासों के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि उच्च नस्ल वाले बकरी पालन से उनकी आयु में भी लगातार वृद्धि हो रही है, साथ ही वे अन्य हितैषी बच्चों को भी रोजगार उपलब्ध करवाते हैं। पा रहे हैं.
इस मशीन पर अतिरिक्त निदेशक डॉ. उम्मेद सिंह, उप निदेशक डॉ. पदमचंद, डॉ. विनी चौधरी सहित अन्य स्टालिन अधिकारी उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि यह योजना राज्य के अंकित जिलों “अजमेर, चित्तौड़गढ़, चूरू, जयपुर, नागौर, सविस्तार, राजसमंद, सीकर और सिरोही” जिलों में उच्च शैक्षणिक बकरों द्वारा मांस उत्पादन में वृद्धि के लिए प्रयोगशाला विकास के लिए चल रही है।
बकरे की सिरोही नस्ल क्या है?डॉ. सीज़नजा के अनुसार सिरोही में नस्ल के बकरे/बकरी न केवल उच्च गुणवत्ता वाले मांस उत्पाद बल्कि दुग्ध उत्पादन की दृष्टि से उत्तम नस्ल की नस्ल होती है। अन्य सामान्य नस्लों की तुलना में सिरोही नस्ल के बकरी 2 किलो प्रति दिन तक दुग्ध उत्पादन होता है। ऐसी नस्ल की बकरी में सूखा सहन करने की क्षमता अन्य बकरियों से अधिक होती है। इस नस्ल के बकरियों में एक से ज्यादा बच्चे पैदा होने और तेजी से वजन बढ़ने के कारण पशुपालकों के साथ पालना पसंद किया जाता है।
ये भी पढ़ें – अपने राज्य/शहर की खबरों को पढ़ने से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करें