4. हरियाणा सरकार अब बुज़ुर्गों के अधिकार पर 75 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों को भी पेंशन दे देगी। यह पेंशन 2500 वार्षिक वार्षिकी होगी। इस संबंध में सरकार ने “हरियाणा प्राण वायु देवता पेंशन स्कॉब्स” अधिसूचित कर दिया है। अब लोग अपने घर में बंधक और खेत में लगे हुए हैं 75 वर्ष से अधिक आयु वाले पेंशन के हकदार होंगे।
वन एवं पर्यावरण मंत्री कंवर पाल ने राज्य सरकार को पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रयासरत बताया। उन्होंने पेड़ों को “प्राण वायु देवता” की संज्ञा देते हुए कहा कि पेड़-पौधों से ही हमें जीवनरक्षक ऑक्सीजन मिलता है। अगर हम सावधान नहीं हुए तो पेड़ों की कटाई से ऑक्सीजन की खेती मुश्किल हो जाएगी। ऑक्सीजन की आवश्यकता एवं विकास को पूरा विश्व कोरोनाकाल में भली-एकल को देखना पड़ा है। मानव जाति के लिए बेहतर यही है कि समय संभल जाए।
कंवरपाल ने “हरियाणा प्राण वायु देवता पेंशन” को जीवनदायिनी कहा, कहा कि सरकार ने तो सभी वृक्ष-पौधों के संरक्षण का बीड़ा उठाया है। लेकिन 75 वर्ष से अधिक आयु के वृक्ष अपने फैलाव के कारण अधिक ऑक्सीजन देते हैं। इसी तरह सरकार ने इन बड़े पेड़ों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए नया स्टॉक बनाया है।
उन्होंने बताया कि यह 5 साल में बनी है। बाद में आवश्यकता एवं सुझावों के आधार पर आगे सुधार होता रहेगा। इसमें एक ही बीज से उत्पन्न वनस्पति को शामिल किया गया है। फिक्सबेंगलेंसिस की तरह एक बीज से उत्पन्न होने वाले पेड़ों के उपवन को भी एक ही पेड़ माना जाएगा। इस स्कीम में टूटे हुए पेड़, चमगादड़, मृत, कृंतक और रोगग्रस्त पेड़ शामिल नहीं हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस योजना के तहत वन भूमि पर कब्जा नहीं किया जायेगा।
पर्यावरण मंत्री ने आगे बताया कि “हरियाणा प्राण वायु देवता पेंशन स्कीम” में 75 वर्ष से अधिक आयु के परिजनों को शामिल किया जाएगा, यह निर्णय समिति द्वारा किया जाएगा। यह कमेटी डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर की नियुक्ति में बनाई जाएगी।
कंवरपाल ने बताया कि प्राण वायु देवता पेड़ के रख-रखाव के लिए राज्य सरकार 2500 रुपये वार्षिक पेंशन देगी। यह राशि के पेड़ के मालिक के बैंक में भेजा जाएगा। प्राण वायु देवता वृक्ष की पेंशन हर साल “ओल्ड एज़ सम्मान पेंशन स्कॉच” की धरती पर हर साल मिलती रहेगी।
उन्होंने प्रदेश के लोगों के पर्यावरण संरक्षण की योजना बनाते हुए कहा कि हमारे बड़े-बुजुर्गों की तरह अधिक से अधिक आयु वर्ग के लोग भी हमें निश्चिंत भाव से शीतल छाया और अनमोल ऑक्सीजन प्रदान करते हैं। उन्होंने अधिक से अधिक पेड़ लगाने और उनकी देखभाल करने की अपील की है।
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